वो बोली कुछ तो करना ही होगा नही तो आसिया अकेली पड़ जाएगी, और उस की बेवकूफी से भंडा भी फुट सकता है, फिर उस का भी तो देखो . मे एक काम करती हू मे असद को बुलाती हू अपने रूम मे और आसिया को उस से ही करवा देती हू, या तुम बाजी को राज़ी करो हमारे रूम मे आने के लिए तो तुम बाजी और आसिया को एक साथ चोद सकते हो, मे ने कहा नही बाजी नही मानेंगी जब वो मुझे शेअर करना ही नही चाह रहीं.
तो शॅब्नम ने कहा क्यों ना हम सब एक ही रूम मे एंजाय करे?? कोई भी किसी को भी चोद सके गा असद को मे मना लूँगी और तुम बाजी को असद को2 और चूते मिलती नज़र आएँ गीं तो वो तो चू भी नही करे गा, और बाजी के लिए हम ये कर सकते हैं कि आसिया आ जाए तुम्हारे रूम मे जब तुम बाजी को चोद रहे हो या असद को मे भेज दूं क्या बोलते हो?
मे ने कहा कह तो ठीक रही हो लेकिन सब एक रूम मे हुआ तो अम्मी को भी पता चल सकता है, हां ये तो तुम सही कह रहे हो शबनम ने कहा लेकिन क्या आंटी को ही शामिल कर लें सारा झांजाट ही ख़तम हो जाए गा, मे ने कहा क्या बोल रहे हो?? अरे यार तुम्हारे डॅड आते हैं साल मे 2 बार तो आंटी भी तो मिस करती हों जी ना सेक्स वेसे भी शी ईज़ 40+ लेकिन तब भी वो अच्छी शेप मे हैं, क्यों तुम्हे सेक्सी नही लगती आंटी?? मे ने कहा हां लेकिन तब भी वो माँ है और वो नही माने गीं.
मे और शबनम किसी नतीजे पर नही पहुच सके हां लेकिन, उस शाम कुछ यूँ हुआ कि मोम किचन मे गिर गई और उन को काफ़ी चोट लगी केमर और बाज़ू मे, घर मे सब ही परेशान हो गए थे, डॉक्टर के पास ले जाया गया और रात तक भी घर का महॉल टेन्स ही था,
रात को सब सो गए और शबनम ने कहा मे आंटी के पास सो जाऊं गी अगेर उन को रात को कुछ ज़रूरत पड़े, अम्मी को काफ़ी पेन किल्लेर्ज़ दी थीं डॉक्टर ने तो वो जल्द ही सो गई, और हम सब भी.
नेक्स्ट डे सब अपने काम पर चले गए और शाम तक अम्मी की तबीयत काफ़ी ठीक थी हां लेकिन पेन तो था ही बाज़ू डिस्लकेट हो गया था और कमर मे भी काफ़ी चोट लगी थी, हां पर उस रात अम्मी के बेडरूम मे क्या हुआ उस तरफ फास्ट फ़वड करते हैं,
अम्मी लेती हुई थी और उन के साथ ही शबनम भी, अम्मी ने कहा बेटी तुम भी बेआराम हो रही हो मेरी वजह से, सो जाओ मुझे नींद आए गी तो मे भी सो जाऊं गी, शाब्बो ने कहा नही आंटी मुझे भी नींद नही आ रही, तभी शाब्बो आपनी कमीज़ गले के पास से खीच कर उपर करने लगी अम्मी ने कहा क्या हुआ? क्या कर रही हो? वो बोली कुछ नही आंटी, फिर इधेर उधेर के बाते होने लगीं और शाब्बो एक बार फिर अपनी कमीज़ खिचने लगी, अम्मी ने कहा बेटा प्रॉब्लम क्या है??
आंटी वो …. क्या बताऊ… बताओ बेटा अम्मी ने कहा, आंटी वो मे ने ब्रा नही पहनी हुई ना और कमीज़ टच होती है निपल से वो एरेक्ट हो गई हैं, तो उलझन होती है, अम्मी ने कहा ऊह हां कभी कभी होता है, हां लेकिन सारा क़सूर कमीज़ का ही नही उमर का भी है, आंटी आप भी ने, शाब्बो शरमाई, हां पर उमर आप की कोन सी बहुत ज़्यादा हो गयी है, अरे जवान बच्चे हैं मेरे आम्मि ने कहा, तो भी क्या आप 35 से एक दिन भी ज़्यादा की नही लगती, तुम ने तो एक दम ही 7/8 साल कम कर दिया,
नही आंटी आप ने बहुत मेनटेन किया हुआ है खुद को,शाब्बो बाते कर रही थे और अब बिना झिझक अपनी निपल्स को टच कर रही थी कमीज़ के उपर से.
अम्मी को बॅक पर टचिंग हो रही थी लेकिन वो कर नही पा रही थीं, शबनम अम्मी के सामने लेटी हुई ही अपने हाथ उन की बॅक पर ले जा कर खुजाने लगी, और अम्मी की चुचियों से उस की चुचिया टच होने लगेईे, उस से शाबो और भी गरम हो गयी, उसे ये भी ख़याल आ रहा था मेरे रूम मे शाएेद इस वक़्त ज़बरदस्त चुदाई चल रही होगी.
दोनो मे बाते हो रही थीं और अम्मी हमारी बचपान की बाते शाब्बो को बता रही थी, तभी शाबो ने कहा आंटी आप ने अकेले सारा घर और बच्चो को संभाला हुआ है, अंकल तो साल मे एक 2 बार ही आते हैं, तो अम्मी ने कहा हां वो अपनी ज़िमदारी पूरी कर रहे हैं और मे अपनी, हाँ पर आंटी आप को अकेला पन तो फील होता होगा ना उन की आब्सेन्स मे?